2 Quotes by Muneer Niyazi
- Author Muneer Niyazi
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कैसे कैसे लोग हमारे जी को जलने आ जाते हैं,अपने अपने ग़म के फ़साने हमें सुनाने आ जाते हैं !मेरे लिए ये गैर हैं और मैं इनके लिए बेगाना हूँ,फिर भी ये एक रस्म-ए-जहां है जिसे निभाने आ जाते हैं !इनसे अलग मैं रह नहीं सकता इस बेदर्द ज़माने में,मेरी ये मजबूरी मुझको याद दिलाने आ जाते हैं !सबकी सुन कर चुप रहते हैं दिल की बात नहीं कहते,आते आते जीने के भी लाख बहाने आ जाते हैं !
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- Author Muneer Niyazi
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हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम करने में ज़रूरी बात कहनी हो कोई वा'दा निभाना हो उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं मदद करनी हो उस की यार की ढारस बंधाना हो बहुत देरीना रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं बदलते मौसमों की सैर में दिल को लगाना हो किसी को याद रखना हो किसी को भूल जाना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं किसी को मौत से पहले किसी ग़म से बचाना हो हक़ीक़त और थी कुछ उस को जा के ये बताना हो हमेशा देर कर देता हूँ मैं हर काम क
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