73 Quotes by TRIPURARI


  • Author TRIPURARI
  • Quote

    जब उदास लम्हों की रंगीन तितलियाँ मेरी आँखों में रक़्स करती हैं, तो सीने की वीरानी में अफ़्सानों का एक जंगल उगने लगता है। दरख़्तों की टहनियों पर गाते हुए परिंदों की बोली में मेरे माज़ी के हसीन होंटों की हँसी साफ़ साफ़ सुनी जा सकती है।

  • Tags
  • Share

  • Author TRIPURARI
  • Quote

    ग़म और ख़ुशी के दर्मियान झूलती हुई उदासी कोई ऐसी शय नहीं जिससे छुटकारा पाया जा सकता है। ये एक ऐसी ख़ुशबू है जिसे भीतर ही भीतर जज़्ब करना होता है।

  • Tags
  • Share