4 Quotes by Darshvir Sandhu about hindi

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    ... और जब तुम थमी तपी हवा हो जाओमैं सूखी चोंच से खामोश रेत पर ओस लिखूंगातुम उसे प्रेम पढ़ना ...( झील में अटकी नदी से )

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  • Author Darshvir Sandhu
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    इस किताब में जो भी दर्ज है वो महज़ ली हुई सांसें हैं, पहना हुआ चांद है, सिल्ली की सीलन है और कुछ अदद करवटें हैं मेरे 'पोरों पे जमे सच' की...।

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