4 Quotes by Divya Prakash Dubey about love
- Author Divya Prakash Dubey
-
Quote
इंजीन्यरिंग कॉलेज की ज़्यादातर love stories ऐसे ही किसी शाम सूरज के साथ ऐसे ही किसी कैंटीन के बाहर चुप चाप डूब जाती हैं। इंजीन्यरिंग के आखिरी महीने में सूरज पर love stories को साथ लेकर डूबने का लोड बढ़ता जा रहा था और वो गुस्से में रोज़ थोड़ा ज़्यादा लाल होता जा रहा था।
- Tags
- Share
- Author Divya Prakash Dubey
-
Quote
उस दिन स्कूल की छुट्टी के बाद से ही दुनिया, प्यार क्या होता है का जवाब अपने-अपने तरीके से ख़ोज रही है और सबके पास एक readymade नकली जवाब तैयार है
- Tags
- Share
- Author Divya Prakash Dubey
-
Quote
वहाँ पे इतने लोग एक दूसरे में गुम थे कि ऐसा लग रहा था कि पूरी दुनिया में दो लोग ही काफी हैं दुनिया चलाने के लिए । पहली बार शाम को डूबते सूरज से भी ज़्यादा सुंदर कुछ देखा था मैंने उन सारे लड़के लड़कियों में जो रोज़ एक दूसरे का हाथ थामकर दुनिया को बिखरने से बचा लेते हैं
- Tags
- Share
- Author Divya Prakash Dubey
-
Quote
इसके बाद न जाने कितनी ही बार तरुण और नितिन ने साथ में दारू पी लेकिन वो नौकरी लगने वाली दारू की उस बोतल के पैसे आज भी तरुण पर उधार हैं। 10 सालों में वक़्त लंबी दूरी तय कर चुका है । तरुण अब Mr.T.K.Purohit हो चुका है। शिवानी खो चुकी है । नितिन की दोस्ती हर बीतते साल के साथ कितनी बढ़ चुकी है है ये लिखा नहीं जा सकता
- Tags
- Share