4 Quotes by Divya Prakash Dubey about love

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    इंजीन्यरिंग कॉलेज की ज़्यादातर love stories ऐसे ही किसी शाम सूरज के साथ ऐसे ही किसी कैंटीन के बाहर चुप चाप डूब जाती हैं। इंजीन्यरिंग के आखिरी महीने में सूरज पर love stories को साथ लेकर डूबने का लोड बढ़ता जा रहा था और वो गुस्से में रोज़ थोड़ा ज़्यादा लाल होता जा रहा था।

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    उस दिन स्कूल की छुट्टी के बाद से ही दुनिया, प्यार क्या होता है का जवाब अपने-अपने तरीके से ख़ोज रही है और सबके पास एक readymade नकली जवाब तैयार है

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    वहाँ पे इतने लोग एक दूसरे में गुम थे कि ऐसा लग रहा था कि पूरी दुनिया में दो लोग ही काफी हैं दुनिया चलाने के लिए । पहली बार शाम को डूबते सूरज से भी ज़्यादा सुंदर कुछ देखा था मैंने उन सारे लड़के लड़कियों में जो रोज़ एक दूसरे का हाथ थामकर दुनिया को बिखरने से बचा लेते हैं

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    इसके बाद न जाने कितनी ही बार तरुण और नितिन ने साथ में दारू पी लेकिन वो नौकरी लगने वाली दारू की उस बोतल के पैसे आज भी तरुण पर उधार हैं। 10 सालों में वक़्त लंबी दूरी तय कर चुका है । तरुण अब Mr.T.K.Purohit हो चुका है। शिवानी खो चुकी है । नितिन की दोस्ती हर बीतते साल के साथ कितनी बढ़ चुकी है है ये लिखा नहीं जा सकता

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