13 Quotes by TRIPURARI about Fiction
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I am nothing but a book of fiction which is written in very poetic way.
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जब दुख भीतर हो, तो बाहर की हर चीज़ दुखी ही नज़र आती है।
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हम सबके भीतर हज़ारों ऐसी बातें दफ़्न होती हैं, जिन्हें हम किसी से कहना चाहते हैं मगर सुनने वाला सही इंसान कभी नहीं मिल पाता।
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ख़ामोशी, वैसे तो बहुत ठंडा लफ़्ज़ है मगर इसकी तासीर बहुत गर्म होती है।
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मोहब्बत का ख़ुदा अगर कोई है, तो सिर्फ़ मैं ही हूँ।
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कुछ रिश्ते कभी नहीं मरते, क्यूँकि उनकी कोई उम्र ही नहीं होती।
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लिखना, मेरी सबसे बड़ी मजबूरी है।
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जब उदास लम्हों की रंगीन तितलियाँ मेरी आँखों में रक़्स करती हैं, तो सीने की वीरानी में अफ़्सानों का एक जंगल उगने लगता है। दरख़्तों की टहनियों पर गाते हुए परिंदों की बोली में मेरे माज़ी के हसीन होंटों की हँसी साफ़ साफ़ सुनी जा सकती है।
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ग़म और ख़ुशी के दर्मियान झूलती हुई उदासी कोई ऐसी शय नहीं जिससे छुटकारा पाया जा सकता है। ये एक ऐसी ख़ुशबू है जिसे भीतर ही भीतर जज़्ब करना होता है।
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