12 Quotes by TRIPURARI about Hindi







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    जब उदास लम्हों की रंगीन तितलियाँ मेरी आँखों में रक़्स करती हैं, तो सीने की वीरानी में अफ़्सानों का एक जंगल उगने लगता है। दरख़्तों की टहनियों पर गाते हुए परिंदों की बोली में मेरे माज़ी के हसीन होंटों की हँसी साफ़ साफ़ सुनी जा सकती है।

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    ग़म और ख़ुशी के दर्मियान झूलती हुई उदासी कोई ऐसी शय नहीं जिससे छुटकारा पाया जा सकता है। ये एक ऐसी ख़ुशबू है जिसे भीतर ही भीतर जज़्ब करना होता है।

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