18 Quotes by TRIPURARI about Poetry








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    माँ मिरी बे-वजह ही रोती है फ़ोन पर जब भी बात होती हैफ़ोन रखने पे मैं भी रोता हूँ

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    सख़्त ऊपर से मगर दिल से बहुत नाज़ुक हैं चोट लगती है मुझे और वो तड़प उठते हैं हर पिता में ही कोई माँ भी छुपी होती है

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