वहाँ पे इतने लोग एक दूसरे में गुम थे कि ऐसा लग रहा था कि पूरी दुनिया में दो लोग ही काफी हैं दुनिया चलाने के लिए । पहली बार शाम को डूबते सूरज से भी ज़्यादा सुंदर कुछ देखा था मैंने उन सारे लड़के लड़कियों में जो रोज़ एक दूसरे का हाथ थामकर दुनिया को बिखरने से बचा लेते हैं
-Divya Prakash Dubey
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