कितना प्यारा दिन है और कितनी प्यारी है ये काली राते।इन दिन और रातो से कई ज़्यादा अच्छी लगती है तुम्हारी बाते।दुनियाँ है बड़ी जालिम कोई सच कोई झूठ क्या क्या तुम्हें बता दे।मेरी निगाहों से तुम देखो, ताजमहल से भी ज़्यादा सुंदर है तुम्हारी आँखें।
-Dhaneshwar Dutt
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