राहगीर हुँ राह का,पंछियों सा आसमान में उड़ता हुँ,ना जाने किस मंजिल की तलाश में,हर गली हर सड़क भटकता हुँ।
-Kuldeep Gera
Select a background
More quotes by Kuldeep Gera
Popular Authors
A curated listing of popular authors.
राहगीर हुँ राह का,पंछियों सा आसमान में उड़ता हुँ,ना जाने किस मंजिल की तलाश में,हर गली हर सड़क भटकता हुँ।
-Kuldeep Gera
A curated listing of popular authors.