2 Quotes by संजय ग्रोवर Sanjay Grover
- Author संजय ग्रोवर Sanjay Grover
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जो भी स्त्री-पुरुष हंसते-खिलखिलाते हुए दहेज जैसे लेनदेन वाले समारोहों में शामिल होते हैं, मैं मानता हूं कि उन्हें स्त्री की समानता और स्वतंत्रता में कोई दिलचस्पी नहीं होती और वे यह स्वीकार चुके होते हैं कि स्त्रियों में कोई आधारभूत कमी होती है जिसकी भरपाई वे पैसे देकर पूरी करते हैं।-संजय ग्रोवर Sanjay Grover
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अगर सभी धर्मों के लोग एक-एक साल तक अपने-अपने धर्मों को अपने-अपने घरों में ही रखें तो एक साल में ही उन्हें पता चल जाएगा कि उनके धर्मों में कोई आध्यात्मिक/चमत्कारी शक्तियां हैं या नहीं.सामूहिक रुप से जो वे करते हैं और उसकी वजह से जो भी अच्छे-बुरे कार्य हो जाते हैं, वह समूह/भीड़ की शक्ति होती है धर्म की नहीं.-संजय ग्रोवर
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