1 Quotes by Deendayal Upadhyay

  • Author Deendayal Upadhyay
  • Quote

    ज्ञानरहित भक्ति ढोंग है, कर्मरहित ज्ञान व्यर्थ है, भक्तिरहित कर्म नीरस होता है और ज्ञानरहित कर्म अँधा होता है। इस प्रकार भक्ति-समन्वित ज्ञानयुक्त निष्काम कर्म ही हमारा आदर्श है।

  • Tags
  • Share