14 Quotes by Vishnu Sakharam Khandekar
Vishnu Sakharam Khandekar Quotes By Tag
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विविधता ही इस जीवन की देह है। परस्पर विरोधी बातें ही उसकी आत्मा हैं। जीवन का रस उसका आनंद उसका सम्मोहन उसकी आत्मा...इसी विविधता में है, विरोध में है।
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मानव जीवन में आत्मा रथी, शरीर रथ, बुद्धि सारथी और मन लगाम है। विविध इंद्रियाँ घोड़े हैं। उपभोग के सभी विषय उसके रास्ते हैं और इंद्रियाँ और मन से युक्त आत्मा उसका भोक्ता है।
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कहाँ थी मैं? इन्द्रलोक के नंदनवन में? मंदाकिनी में बहती आई हरसिंगार की सेज पर? मलयगिरि से चलने वाली शीतल सुगंधित पवन के झकोरों पर? या विश्व के अज्ञात सौंदर्य की खोज में निकले किसी महाकवि की नौका में?
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सीपियों में पानी भरकर क्या कोई बता सकता है समुद्र क्या है? फूलों का चित्र बनाकर क्या उन्हें कोई सुगंध दे सकता है? प्रीति की अनुभूति भी ऐसी ही होती है।
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ऐश्वर्य जितना बड़ा हो उतने ही शिष्टाचार के बंधन अधिक कठोर होते हैं!
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दासी के हाथ होते हैं, पाँव होते हैं किन्तु मुँह नहीं होता! और मन? वह तो होता ही नहीं!
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समुद्र में तैरने का आनंद जी भर कर लेना हो तो किनारा छोड़कर गहरे पानी में काफी दूर भीतर जाना पड़ता है। कभी बारी-बारी से लहरों का आलिंगन मिलता है तो कभी उनके थपेड़े भी खाने पड़ते हैं! पल-पल प्रतिक्षण नमकीन चुंबनाें की मिठास चखनी पड़ती है, नीले पानी पर तैरते रहकर दूर दिखाई देने वाले नीले क्षितिज को अपनी बाँहों में भरने की चेष्टा करनी पड़ती है, मौत के मुँह में हँसते-हँसते सागर के अमर गीता का साथ देना पड़ता है! प्रीत की रीत भी ऐसी ही है।
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A creeper has many flowers; some are offered to God in worship and so arouse devotion. Some adorn the lovely ringlets of maidens and are silent witnesses to the hours of love and pleasures indulged in. The same is true of humans born in this world. Some live to be old and some rise to honour and fame and some are crushed by poverty. But in the end, all these flowers fall to the ground and are lost in the earth.
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Good and evil are imaginary concepts put out by clever men and fools. In this world, only happiness and misery are real. Everything else is delusion. Good and bad are appearances... the play of the mind.
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