अंतरटॉनिकबीड़ी फूँकती हो अवंतिकाचुंबन में श्रम का स्वाद पाता हूँदेसी पीती हो अवंतिकाश्वास में नींद की गंध पाता हूँगुटखा खाती हो अवंतिकाजीभ पर रक्त का स्पर्श पाता हूँजुलूस में जाती हो अवंतिकापसीने में तुम्हारे दिवास्वप्न पाता हूँ
-Malay Roychoudhury
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